गौ सेवा धाम में धूमधाम से मनाया गया गोपाष्टमी पर्व
गौवंश के लिये पूर्णतः समर्पित है गौ सेवा धाम हाँस्पीटल
गौ सेवा धाम में आयोजित हुआ गायों हेतू भंडारा
गाय को भारतवर्ष की प्राचीन संस्कृति का प्रतीक माना जाता है और गोपाष्टमी का पावन पर्व इन्हीं गायों को समर्पित है। द्वापर युग से ये पवित्र उत्सव आम जन-मानस के बीच हर्षाेल्लास से मनाया जाता है। गाय की महिमा का वर्णन स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अपने श्रीमुख से किया है। गायों की सेवा एवं उनका पालन करने के कारण ही श्रीकृष्ण को गोविन्द तथा गोपाल के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि जिस दिन बाल कृष्ण ने सर्वप्रथम गौ चारण किया था उस दिन की तिथि को अष्टमी थी एवं तभी से ये गोपाष्टमी का पावन पर्व प्रारम्भ हुआ। इस दिन गोपालक अपनी-अपनी गायों का भांति भांति से साज श्रगांर करते हैं।
इसी कड़ी में गौ सेवा के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त प्रसिद्ध कथा वाचिका देवी चित्रलेखा जी के गौ सेवा धाम हाँस्पीटल में गोपाष्टमी का पर्व धूमधाम एवं सेवाभाव से मनाया गया। सूर्यादय के साथ ही दूरदराज अन्य राज्यों से पधारे गौ भक्तों ने देवी चित्रलेखा जी के साथ भजन-कीर्तन, हवन तथा गौमाता का पूजन किया।
समस्त कार्यक्रम में बाहर से पधारे श्रद्धालु व गोसेवा धाम सेवा धाम हॉस्पिटल का स्टाफ अन्य सभी लोग मास्क लगाए हुए नजर आए और कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन करते दिखे।
भगवान कृष्ण की गौ सेवा करते हुये झाँकी मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। दिन के मध्य में गौवंश के लिये भंडारा प्रसाद का आयोजन किया गया। जिसमें हरा चारा, गुड़, मीठा दलिया, रोटी, गन्ना आदि का वितरण न केवल गौ सेवा धाम में अपितु क्षेत्र की दर्जनों गौशालाओं में भी गौ सेवा धाम की तरफ से वितरित किया गया।
गौ सेवा धाम हॉस्पिटल में लगी बड़ी ऑटोमेटिक रोटी मेकर मशीन से हजारों रोटियां बना कर आसपास की गौशालाओं को भेजी गई, सिर्फ रोटी ही नहीं उसके साथ मीठा दलिया हरी सब्जी, हरा गन्ना व अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ गौशालाओं को भेजे गए।
कोरोना काल में जब इस तरह की सेवा की सबसे ज्यादा आवश्यकता है ऐसे में गौ सेवा धाम हाँस्पीटल की तरफ से इस तरह की सेवा किया जाना वाकई में प्रशंसनीय है।
गौ सेवा धाम में आयोजित भागवत कथा में आये गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष
गोपाष्टमी के कार्यक्रम के बाद संध्या काल में गौ सेवा धाम में सप्तदिवसीय गोपाष्टमी कथा महोत्सव का भी आयोजन किया गया। कथा के छठे दिन कथा व्यास पूज्या देवी चित्रलेखा जी ने बाल गोपाल की नटखट क्रीड़ायें, गौ चारण, गोवर्धन लीला आदि का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा में हरियाणा गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्रवण कुमार गर्ग जी का भी आगमन हुआ। समम्त गौ सेवा धाम हाँस्पीटल का भ्रमण कर यहाँ हो रही गौ सेवा से वह अत्यधिक प्रभावित हुये। व्यासपीठ से आर्शीवाद लेने के बाद उन्होनें यहाँ हो रहे सेवा कार्यों की प्रंशसा की। उन्होने कहा कि जिस स्थान पर गाय निर्भय होकर सांस लेती है वह स्थान अत्यधिक पवित्र एवं पुण्यवान होता है। ऐसे स्थान पर किये गये जप-तप अपेक्षाकृत जल्दी फल देने वाले होते हैं। समस्त कथा आयोजन में कोविड प्रोटोकोल का पूर्णतः पालन किया गया। समस्त श्रोतागण उचित सामाजिक दूरी के साथ मास्क पहने हुये उपस्थित रहे।
विदित रहे कि गौ सेवा धाम हाँस्पीटल में बीमार, लाचार, असहाय एवं दुर्घटनाग्रस्त गौंवश का निःशुल्क उपचार किया जाता है। यहाँ अत्याधुनिक मशीन, लिफ्ट युक्त एम्बुलैंस, गायों को उनकी बीमारी के अनुसार रखने के लिये अलग-अलग वार्ड, प्रशिक्षित चिकित्सक, कुशल गौ सेवक, अत्याधुनिक मेडिकल उपकरण आदि की पूर्ण सुविधा है। जो कि यहाँ की चिकित्सा सुविधा को कहीं बेहतर बनाती है। इन्हीं कारणों से गौ सेवा धाम हाँस्पीटल न सिर्फ क्षेत्र में अपितु सम्पूर्ण देश तथा विदेशों में भी जाना जाता है। यह संस्थान लगभग 10 वर्षां से गौवशं की सेवा में पूर्णतः समर्पित है।