Top

Upcoming Events:

!! Shrimad Bhagwat Katha - Gurugram:- 06-12-2024 To 12-12-2024, Time:- 3:00 pm To 6:30 pm, Place: - Gurugram !!

देसी गाय के घी के फायदे |

देसी गाय के घी के फायदे |


गौ माता के बारे में
गाय को माता का दर्जा यूही नहीं दिया जाता गौमाता के सभी उत्पाद किसी न किसी बीमारी का सम्पूर्ण इलाज है उसी में से आज हम बात करेंगे देशी गाय के घी के फायदे के बारे में -

हाथ पैरों में जलन होने पर तलवों पर गाय के घी की मालिश करने से जलन समाप्त हो जाती है। बच्चों को गाय के घी से छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत समाप्त हो जाती है।
रात को सोने से पहले चेहरे पर गाय का घी लगाने से त्वचा पर दरारें, कट या घाव और फटी त्वचा ठीक होने में मदद मिलती है।
गाय के घी को त्वचा पर लगाने से रंगत निखरती है। यह त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने में भी मदद करता है। यह दाग-धब्बों, टैनिंग, पिगमेंटेशन और त्वचा के कालेपन के लिए बहुत प्रभावी उपाय है।
गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी और लकवा भी ठीक होता है और याददाश्त तेज होती है।
गाय के घी की कुछ बूंदें दिन में दो बार नाक में डालने से त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) संतुलित हो जाते हैं।
देसी घी शरीर में जमा फैट को घोलकर विटामिन में बदलने का काम करता है। इसमें कम मात्रा में चेन फैटी एसिड होता है, जिससे आपका खाना जल्दी पच जाता है और मेटाबॉलिज्म सही रहता है।
गाय का घी आंखों की रोशनी के लिए चमत्कारी है। इसके नियमित सेवन से कम दिखना, धुंधला दिखाई देना, आंखों के आगे अंधेरा छाना, सिरदर्द, आंखों की कमजोरी और आंखों के सभी विकार दूर हो जाते हैं।
शोध के अनुसार यह खून और आंतों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सही रखता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है।
यह न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है बल्कि आश्चर्यजनक तरीके से इस बीमारी को फैलने से भी रोकता है। इसके सेवन से ब्रेस्ट और बॉवेल कैंसर से बचा जा सकता है।
जिस व्यक्ति को हृदयाघात की समस्या हो वह गाय के घी का सेवन कम मात्रा में करे तो हृदय को बल मिलता है।
नेचुरल मॉइश्चराइजर के तौर पर यह रूखी त्वचा की समस्या से छुटकारा दिलाता है और त्वचा को मुलायम बनाता है।
त्वचा को कसने में मदद करता है, जो झुर्रियों, महीन रेखाओं और छिद्रों को सिकोड़ता है और आपको जवां बनाता है।
देसी गाय के घी की दो-दो बूंद सुबह-शाम नाक में डालने से माइग्रेन के दर्द से राहत मिलती है। नियमित रूप से गाय के घी का सेवन करने से एसिडिटी और कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
गाय के घी का सेवन करने से शरीर भी हष्ट पुष्ट रहता है और शरीर का स्टेमिना भी बना रहता है।

Related Blogs

जितेंद्र अग्रवाल और डॉ. सुमन अग्रवाल का दौरा: गौ सेवा धाम और खंबानी उत्पादों की सराहना

जितेंद्र अग्रवाल और डॉ. सुमन अग्रवाल का दौरा: गौ सेवा धाम और खंबानी उत्पादों की सराहना

 

जितेंद्र अग्रवाल और डॉ. सुमन अग्रवाल, जो सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के CEO हैं, ने 27 नवंबर 2020 को 'कौन बनेगा करोड़पति' सीजन 12 के करमवीर स्पेशल एपिसोड में भाग लिया था। इस विशेष अवसर पर, उन्होंने समाज में दिव्यांग व्यक्तियों के उत्थान के लिए किए जा रहे अपने कार्यों के बारे में चर्चा की और अपने अनुभव साझा किए।

हाल ही में, जितेंद्र अग्रवाल और डॉ. सुमन अग्रवाल ने गौ सेवा धाम अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखा और वहां की गौमाताओं की सेवा और उनके लिए की जा रही चिकित्सा सुविधाओं की सराहना की। उन्होंने गौ सेवा धाम द्वारा गौवंश की सुरक्षा और सेवा के लिए किए जा रहे कार्यों की भी भूरी-भूरी प्रशंसा की। उनका मानना है कि जैसे वे सार्थक एजुकेशनल ट्रस्ट के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों की सेवा कर रहे हैं, उसी प्रकार गौ सेवा धाम का यह कार्य भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस दौरे के दौरान, उन्होंने खंबानी के उत्पादों का भी निरीक्षण किया और उनकी गुणवत्ता और प्राकृतिकता से प्रभावित हुए। खंबानी के उत्पादों की प्रशंसा करते हुए, उन्होंने कहा कि खंबानी का यह प्रयास समाज में प्राकृतिक उत्पादों के महत्व को बढ़ावा देने में सहायक है। खंबानी द्वारा उपयोग किए जा रहे प्राकृतिक संसाधनों और उनकी गुणवत्ता की उन्होंने विशेष सराहना की।

उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसे सेवा कार्य और प्राकृतिक उत्पाद समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाते हैं। हम सभी समर्थकों और शुभचिंतकों के आभारी हैं, जिनके निरंतर समर्थन और आशीर्वाद के कारण हम इस स्तर तक पहुंच पाए हैं।
 

जन्माष्टमी का पावन दिन: सच्ची सेवा की प्रेरणादायक कहानी

जन्माष्टमी का पावन दिन: सच्ची सेवा की प्रेरणादायक कहानी

 
 

 

जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पावन पर्व, हर भारतीय के हृदय में विशेष स्थान रखता है। इस दिन को मनाने के लिए लोग मंदिरों में जाते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और भक्ति में लीन रहते हैं। लेकिन इस जन्माष्टमी पर एक घटना घटी जिसने सच्ची सेवा और करुणा का नया अर्थ बताया।

जन्माष्टमी के पावन दिन, अनिशी शर्मा, जो T-Series में कास्टिंग डायरेक्टर हैं, वृंदावन की ओर जा रही थीं। उनकी यात्रा आध्यात्मिक थी, लेकिन रास्ते में उन्होंने देखा कि सड़क के किनारे एक बछड़ा दर्द से तड़प रहा था। बछड़ा इतना कमजोर और पीड़ित था कि वह खुद से उठ भी नहीं पा रहा था।

अनिशी ने तुरंत अपनी गाड़ी रोकी और उस बछड़े के पास पहुंचीं। उन्होंने उसे पानी पिलाया और सड़क से उठाकर किनारे पर सुरक्षित स्थान पर रख दिया। लेकिन उनका दिल यह मानने को तैयार नहीं था कि सिर्फ इतना करने से बछड़ा ठीक हो जाएगा। एक सच्चे जीव प्रेमी के रूप में, वे उसे ऐसी स्थिति में छोड़ने के लिए तैयार नहीं थीं।

उन्होंने बछड़े को अपनी गाड़ी में बिठाया और सीधे गौ सेवा धाम हॉस्पिटल की ओर रवाना हो गईं। वहां पहुंचकर उन्होंने बछड़े का इलाज करवाया। डॉक्टरों ने तुरंत उसका निरीक्षण किया और इलाज शुरू किया। कुछ समय बाद, बछड़े की स्थिति में सुधार हुआ, और वह धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगा।

यह घटना हमें यह सिखाती है कि सच्ची सेवा वही है जो बिना किसी स्वार्थ के की जाए। जन्माष्टमी जैसे धार्मिक अवसर पर, सेवा का यह महत्व और भी बढ़ जाता है। भगवान श्रीकृष्ण स्वयं गोपालक थे, और उन्होंने अपने जीवन में गौमाता और अन्य जीवों की सेवा की मिसाल दी है।

इस कहानी से यह स्पष्ट होता है कि जब भी हमें किसी जीव की आवश्यकता होती है, हमें उसे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ मदद करनी चाहिए। चाहे वह एक बछड़ा हो या कोई अन्य जीव, उनकी मदद करना हमारे धर्म का हिस्सा है।

7 feet गहरे टैंक से नंदी और गौमाता का सुरक्षित रेस्क्यू

7 feet गहरे टैंक से नंदी और गौमाता का सुरक्षित रेस्क्यू

होडल के एक घर में पानी के टैंक से नंदी और गौमाता का साहसिक रेस्क्यू

होडल के एक घर में पानी के लिए बनाए गए टैंक में एक नंदी और गौमाता गलती से गिर गए। इस दुर्घटना से दोनों जानवर बेहद परेशान और असहाय स्थिति में थे। स्थानीय लोगों ने तुरंत गौ सेवा धाम को फोन कर सहायता मांगी। हमारे टीम ने बिना देरी किए घटनास्थल पर पहुंचने का निर्णय लिया।

रेस्क्यू अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण था। टैंक की गहराई और संकीर्णता ने स्थिति को और भी कठिन बना दिया था। पहले, टीम ने टैंक के चारों ओर बैरिकेडिंग कर जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की। फिर, रस्सियों और अन्य बचाव उपकरणों की मदद से नंदी और गौमाता को बाहर निकालने की योजना बनाई गई।

हर सदस्य ने अपनी पूरी ताकत और कौशल का इस्तेमाल किया। नंदी को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद, टीम ने गौमाता को भी सावधानीपूर्वक टैंक से बाहर निकाला। दोनों जानवरों को प्राथमिक चिकित्सा दी गई और उनकी हालत की जांच की गई। यह मिशन टीम के समर्पण और मेहनत का प्रमाण है।

इस रेस्क्यू ऑपरेशन में हमारे टीम के हर सदस्य ने जिस समर्पण और साहस का परिचय दिया, वह प्रशंसनीय है। यह घटना न केवल हमारी क्षमता और करुणा को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब हम एकजुट होकर काम करते हैं, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। इस अभियान ने हमें यह सिखाया कि जानवरों के प्रति करुणा और उनकी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना हमारा कर्तव्य है।

गौवंश की इतनी बुरी दुर्दशा  😢😢😢

गौवंश की इतनी बुरी दुर्दशा 😢😢😢

एक गौमाता का हाल ही में एक ट्रक दुर्घटना में भयानक रूप से घायल हो गईं। इस हादसे में उनके मुंह का जबड़ा टूट गया, जिसके कारण वह कुछ भी खाने-पीने में असमर्थ हो गईं। यह दर्दनाक घटना न केवल गौमाता के लिए बल्कि हमारे लिए भी बहुत हृदयविदारक है।

गौ सेवा धाम अस्पताल में जब इस बेजुबान जीव को लाया गया, तब उसकी हालत बहुत ही दयनीय थी। टूटे जबड़े के कारण गौमाता अत्यधिक दर्द में थी और कई दिन से भूखी-प्यासी भी थी। 

हमारी चिकित्सा टीम ने तुरंत गौमाता का उपचार शुरू किया। अत्यधिक दर्द और तकलीफ के बावजूद, हमने उम्मीद नहीं छोड़ी और हर संभव प्रयास किया कि गौमाता धीरे-धीरे फिर से खाना शुरू कर सके। हमने उनके लिए विशेष प्रकार का लिक्विड डाइट तैयार किया, ताकि वह अपनी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा कर सके।

इस कठिन समय में, हम गौमाता की हर संभव देखभाल कर रहे हैं। हमारी टीम दिन-रात उनके स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए काम कर रही है। हमने यह संकल्प लिया है कि इस बेजुबान जीव को फिर से स्वस्थ और खुशहाल जीवन प्रदान करेंगे।

हम आपसे भी निवेदन करते हैं कि इस पुनीत कार्य में हमारा साथ दें। आपकी मदद और समर्थन से ही हम इन मासूम जीवों की पीड़ा को कम कर सकते हैं और उन्हें एक बेहतर जीवन दे सकते हैं।

संकीर्तन दिवस

संकीर्तन दिवस

गौ सेवा धाम हॉस्पिटल की संचालिका पूज्या देवी चित्रलेखाजी का पावन जन्मोत्सव (संकीर्तन दिवस) बड़ी धूम धाम से मनाया गया। देवीजी का जन्मोत्सव हर वर्ष संकीर्तन दिवस के रूप में मानती हैं इसी मंगलमय अवसर पर गौ सेवा धाम हॉस्पिटल में गौ माताओं के मध्य श्रद्धालुओं ने हरिनाम संकीर्तन किया। श्रद्धालुओं ने हरिनाम संकीर्तन करते हुए गौ सेवा धाम हॉस्पिटल परिक्रमा लगायी।
इस शुभ अवसर पर देवी चित्रलेखाजी के पिताजी स्वामी टीकाराम जी (अध्यक्ष- गौ सेवा धाम हॉस्पिटल) के सानिध्य में खंबानी फ़ूड ट्रक का फीता काटकर उद्घाटन किया गया, इस फ़ूड ट्रक की बचत राशि गौ सेवा धाम हॉस्पिटल में भर्ती बीमार गौवंशों को समर्पित की जाएगी साथ ही इस फ़ूड ट्रक में शुद्ध शाकाहारी भोजन बनाया जायेगा जिससे तामसिक भोजन के प्रवत्ति को काम किया जायेगा। अंत में सभी श्रद्धालुओं ने भंडारा प्रसाद ग्रहण किया।
गौ सेवा धाम में बनेगा भारत का पहला बहुमंजिला गौ हॉस्पिटल, गोपाष्टमी को मनोहर लाल खट्टर के द्वारा रखी गयी नींव।

गौ सेवा धाम में बनेगा भारत का पहला बहुमंजिला गौ हॉस्पिटल, गोपाष्टमी को मनोहर लाल खट्टर के द्वारा रखी गयी नींव।

कोटवन करमन बॉर्डर पर गौ सेवा धाम में देवी चित्रलेखाजी के श्रीमुख से चल रहे सप्तदिवसीय गोपाष्टमी महोत्सव एवं श्रीमद भागवत कथा के तृतीया दिवस में गोपाष्टमी के पावन पर्व पर हरियाणा के मुख्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने भारत के पहले सर्वसुविधायुक्त बहुमंजिला गौ हॉस्पिटल का भूमि पूजन किया। भूमि पूजन के अवसर पर खट्टर के साथ अन्य संत एवं गणमान्य व्यक्ति श्री चिदानंद सरस्वती, श्री सम्पूर्णानन्द स्वामी आचार्य लोकेश मुनिजी, कृष्णपाल गुज्जर और स्वामी श्री ज्ञानानंद महाराज इस ऐतिहासिक कार्य में भागीदार रहे।
दिन की शुरुआत भजन एवं गौ पूजन के साथ हुई, दोपहर बाद भूमि पूजन का शुभ कार्य संपन्न हुआ। 

देवी चित्रलेखाजी ने श्रीमद भागवत कथा के माध्यम से बताया कि गोपाष्टमी का त्यौहार हर घर में बड़ी धूम धाम से मानना चाहिए क्योंकि ये गौमाताओं का त्यौहार है और जहां गायों की सेवा होती है वहाँ गोपाल खुश रहते हैं। गोपाष्टमी पर्व का सनातन धर्म में बड़ा ही धार्मिक महत्व है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने गौमाता की पूजा की और गौचारण लीला का शुभारम्भ किया। गोपाष्टमी के इस पवित्र दिन पर गायों और बछड़ों को सजाया जाता है और उनकी विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। यह पर्व मुख्य रूप से ब्रज में मनाया जाता है। गोपाष्टमी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार 20 नवंबर सोमवार के दिन मनाई गयी।  
गोपाष्टमी के दिन गौ महा भोज का आयोजन बड़ी धूम धाम से किया गया, जिसमें यहाँ भर्ती गौवंश हेतु स्वादिष्ट व्यंजन जैसे मीठा दलिया, ताजा गन्ना, रोटी हरी सब्जियां खिलाई गयीं। और यही खाद्य पदार्थ आस पास की गौशालाओं में रह रहे सभी गौवंश हेतु पहुचाए गए।
 
आपको बता दें कि कार्यक्रम के मध्य 20 नवम्बर गोपाष्टमी को गौ सेवा धाम हॉस्पिटल में भारत के पहले बहुमंजिला गौ हॉस्पिटल का भूमि पूजन हरियाणा के माननीय मुख्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी के कर कमलों द्वारा किया गया। इस मोके पर पधारे मुख्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ऐसी गौमाता की सेवा शायद ही कहीं हो रही होगी। मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि देवी चित्रलेखा का यह विचार बहुत अच्छा है। सभी मनुष्यों के लिए हॉस्पिटल बनाते हैं पर चित्रलेखा ने गौमाता और सभी जीवों के बारे में सोचा उनकी पीड़ा, दुःख दर्द को समझा और बहुमंजिला गौ हॉस्पिटल बनाने का निर्णय लिया। हमें बहुत अच्छा लगा कि देवी चित्रलेखा ने सर्व सुसज्जित गौमाता और जीवों को अपने पास आश्रय देने का फैसला लिया और पिछले 10 वर्षों से गौमाता की सेवा करती आ रही हैं।  

 

इस अस्पताल में हज़ारों बीमार गौवंश और अन्य जीवों के लिए उच्च-स्तरीय चिकित्सा सेवाएं होंगी। यह आयोजन जो सामाजिक सेवाओं और आध्यात्मिक उन्नति को मिलाकर गौ संवर्धन की ओर कदम बढ़ा रहा है। 
गौ सेवा धाम हॉस्पिटल पिछले 10 वर्षों से गौमाताओं के साथ साथ सभी बेजुबान जीवों की सेवा करता आ रहा है इस सेवा को और आधुनिक बनाने हेतु इस बहुमंजिला हॉस्पिटल की नींव रखी गयी। इस हॉस्पिटल में  एक्सरे यूनिट, अल्ट्रासाउंड रूम, आधुनिक डॉयग्नोस्टिक लैब, गायो के लिए अलग-अलग वार्ड जैसे आईसीयू वार्ड, कैंसर वार्ड, तीन पैर वाले गौवंश वार्ड होंगे।

Join your hand with us for a better life and beautiful future.