श्रीमद भागवत कथा, सनातन धर्म के अठारह पुराणों में से एक प्रमुख पुराण है| महर्षि वेदव्यास जी ने श्रीमद भागवत महापुराण को लिखा| इसमें 12 स्कन्ध और अठारह हज़ार श्लोक हैं| भगवान की कथा जो श्री राधेगोविंद का प्रेम प्रदान करती है अर्थात जो भगवान से हमारा संबंध जोड़ दे उसे श्रीमद भागवत कथा कहते हैं| श्रीमद भागवत कथा में भगवान की लीलाओं और भगवान के भक्तों के प्रसंग मिलते हैं और श्रोता भजनों का भी आनंद लेते हैं|
ब्रज (वृन्दावन) के 84 कोस में स्थित गाँव खाम्बी (जिला - पलवल, हरियाणा) में जन्मीं और मात्र 7 वर्ष की आयु में श्रीमद भागवत कथा का वाचन शुरू करने वालीं पूज्या देवी चित्रलेखा जी ने श्रीमद भागवत कथा को श्रोताओं तक प्रभावी ढंग से पहुँचाने में एक नया आयाम खड़ा किया | देवी जी अब तक करीब 250+ कथाओं का वाचन किया है और लाखों श्रोताओं को सीधे कथाओं के माध्यम से और करोड़ों श्रोताओं को टी.वी., सोशल मीडिया आदि के माध्यम से भक्ति की ओर अग्रसर किया है एवं उनके जीवन को सही दिशा दी है |
जो भी श्रोतागण अपनी श्रद्धा से श्रीमद भागवत कथा के दौरान दान करते हैं, उसका उपयोग पूज्या देवी जी की प्रेरणा से वर्ष 2013 में शुरू किये गए गौ सेवा धाम हॉस्पिटल की सेवाओं के संचालन में किया जाता है | यह हॉस्पिटल बीमार, चोटिल एवं असहाय गायों और अन्य जीवों का नि:शुल्क उपचार करता है
देवी चित्रलेखा जी के अलग अलग स्थान ( भारत के बाहर जाकर विदेशी धरा) पर श्रीमद भागवत कथा करने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को गौ सेवा और जीव सेवा के लिए प्रेरित करने के साथ साथ भगवान के श्री चरणों में प्रति समर्पित करना है |
Shrimad Bhagwat Katha is one of the main scriptures of Sanatan Dharma. Maharishi Ved Vyasji wrote the Shrimad Bhagwat Katha. It contains 12 canto & 18,000 verses. The Katha of God which helps a person to surrender in devotion (bhakti) is known as Shrimad Bhagwat Katha.
Shrimad Bhagwat Katha contains the pastimes of God in his human form, the stories of devotees of God and listeners of Bhagwat Katha also immerse in the bliss of bhajans.
Born in the 84 Kos area of Braj (Vrindavan) in Village Khambi, District Palwal, Haryana, India. Pujya Devi Chitralekhaji (Deviji) started preaching Shrimad Bhagwat Katha at the early age of 7 years. She set a new benchmark by taking Shrimad Bhagwat Katha to devotees' lives in an effective manner. Pujya Devi Chitralekhaji (Deviji) has recited over 250+ Kathas and inspired thousands of devotees (through Bhagwat Katha) and millions of devotees (through T.V., Social Media etc) towards devotion (Bhakti) and given the right direction to their lives.
All monies which are donated by devotees during Bhagwat Katha or otherwise due to their faith are used to run Gau Seva Dham Hospital. This was founded in 2013, with the blessings of Devi Chitralekhaji (Deviji). Gau Seva Dham Hospital has since been giving free of cost treatment to sick & wounded cows and other birds & animals.