कोटवन करमन बार्डर पर स्थित गौ सेवा धाम हाँस्पीटल में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर अक्षय तृतीया का पर्व धूमधाम से मनाया गया। प्रातःकाल गौ पूजन तथा स्वस्तिवाचन कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया गया। अक्षय तृतीया पर्व वैशाख के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महर्षि जमदग्नि तथा माता रेणुका के यहाँ भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का प्राकट्य हुआ था। इस दिन किये गये सत्कर्म अक्षय पुण्य प्रदान करते हैं।
गौ सेवा धाम में इस पावन पर्व को बीमार, घायल तथा दुर्घटनाग्रस्त गौवशं की सेवा कर मनाया गया। संध्याकाल में इन असहाय गौवंश हेतू विशाल भडांरे का आयोजन किया गया। जिसमें गौमाताओं को हरा चारा, रोटी, मीठा दलिया, गुड़, विभिन्न प्रकार की दालें, सोयाबीन की बड़ी आदि छप्पन प्रकार के व्यंजन परोसे गये। स्थानीय भक्तों के साथ-साथ दूर-दराज के क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर अपने हाथों से गायों की सेवा कर पुण्य लाभ कमाया। विदित रहे कि गौ सेवा धाम दुर्घटनाग्रस्त गौवंश के साथ-साथ अन्य घायल जीव-जन्तुओं की सेवा करने हेतू प्रसिद्ध है। यहाँ विश्वस्तरीय चिकित्सा मशीन तथा प्रशिक्षित डाक्टरों की टीम गौ सेवा हेतू सदैव तत्पर रहती है।